अमर बोस जीवनी - Biography of Amar Bose in Hindi Jivani Published By : upscgk.com अमर गोपाल बोस बोस कार्पोरशन के संस्थापक और पीठाध्यक्ष हैं। भारतीय मूल के अमेरीकी और विद्युत अभियंता अमर गोपाल बोस के पास २००७ के आंकड़ों फोरबीस ४०० के अनुसार उनकी कुल संपत्ति को १.८ बिलियन डॉलर आँका गया था। बंगाली पिता और श्वेत अमेरिकी मां की संतान बोस का जन्म और पालन पोषण पेन्सिलवेनिया के फ़िलेडेल्फ़िया शहर में हुआ। उनके पिता नोनी गोपाल बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी होने के कारण औपनिवेशिक ब्रिटिश सरकार द्वारा जेल भी भेज गए। तत्कालीन सरकार की अन्य कारवाहियों के बचने के लिए वे १९२० में भागकर कलकत्ता आ गए। अमर गोपाल बोस का जन्म 2 नवम्बर 1929 को अमेरिका के फिलाडेल्फिया में हुआ था। उनके पिता नोनी गोपाल बोस एक बंगाली भारतीय स्वाधीनता सेनानी थे और अंग्रेजों से बचकर अमेरिका चले गए थे। उनकी माता शेर्लोट फ्रेंच और जर्मन मूल की अमेरिकी थीं। वे पेशे से एक शिक्षिका थीं। अमर बोस के अनुसार उनकी माता उनसे ज्यादा बंगाली थीं। वे शाकाहारी थीं और ‘वेदांत’ और ‘हिन्दू दर्शन’ में रूचि रखती थीं। अमर ने बचपन से ही उद्यमशीलता में रूचि दिखाई थी। उन्होंने पेनसिलवेनिया के ‘अबिंगटन सीनियर हाई स्कूल’ में पढ़ाई की और उसके पश्चात मस्साचुसेट्ट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में दाखिला ले लिया। वहां से उन्होंने 1950 के दशक के शुरुआत में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विषय में बी.एस. पास किया। इसके पश्चात इउन्होने लगभग 1 साल नेदरलैंड्स में ‘एन.वी. फिलिप्स इलेक्ट्रोनिक्स’ के लैब में कार्य किया और फिर फुलब्राइट छात्रवृत्ति पर भारत में कार्य किया, जहाँ उनकी मुलाकात उनकी होनेवाली पत्नी से हुई। उन्होंने नोर्बेर्ट वीनर और युक-विंग-ली के मार्गदर्शन में मस्साचुसेट्ट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से ही अपनी पी.एच.डी. भी पूरी की। करियर स्नातक करने के बाद Amar Gopal Bose मस्साचुसेट्ट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त हो गए। प्रोफेसर बनने के शुरुआती सालों में Amar Gopal Bose ने एक उच्च-दर्जे का स्टीरियो स्पीकर सिस्टम खरीदा। उन्होंने जब उसे बजाया तो उन्हें बहुत निराशा हुई –उच्च तकनीक क्षमताओं के बावजूद यह स्टीरियो ‘लाइव परफॉरमेंस’ का प्रभाव नहीं दे पाया। इस घटना ने उन्हें ‘स्टीरियो टेक्नोलॉजी’ के क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्होंने उस समय के उच्च तकनीक क्षमताओं वाले स्टीरियो स्पीकर्स का अध्ययन कर उनमे मौजूद खामियों को समझा। ‘एकॉस्टिक्स’ के क्षेत्र में उनके अनुसन्धान ने उन्हें एक ऐसे ‘स्टीरियो लाउडस्पीकर’ की खोज में मदद की जो घर के वातावरण में ही एक सभागार जैसी ध्वनि उत्पन्न कर सकता था। इस प्रकार उनका ध्यान ‘साइकोएकॉस्टिक्स’ पर केन्द्रित हुआ जो आगे चलकर उनकी कंपनी के उत्पादों की विशिष्टता बना। सन 1964 में उन्हें अपनी कंपनी के लिए शुरूआती पूँजी की जरुरत हुई जिसके लिए उन्होंने अपने पूर्व प्रोफेसर डॉ युक-विंग-ली की मदद ली। इसके बाद बोस को कई महत्वपूर्ण पेटेंट्स प्रदान किये गए जो आज भी बोस कारपोरेशन के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये सारे पेटेंट्स ‘लाउडस्पीकर डिजाईन, नॉन-लीनियर, टू-स्टेट-मोडयूलेटेड, क्लास-डी पॉवर प्रोसेसिंग के क्षेत्र से सम्बंधित थे। आज के समय में बोस कारपोरेशन दुनियाभर में लगभग 9000 लोगों को रोज़गार प्रदान करता है और घरों, कारों और प्रोफेशनल ऑडियो के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाता है। इसके साथ-साथ यह एकॉस्टिक्स और उससे सम्बंधित क्षेत्र में आधारभूत अनुसन्धान भी करता है। Amar Gopal Bose ने अपनी कंपनी को कभी भी ‘सार्वजनिक’ नहीं किया यही कारण था कि कि वो लम्बे समय तक जोखिम भरे अनुसन्धान कर पाए। निजी जीवन अमर गोपाल बोस ने प्रेमा बोस से विवाह किया और उनकी दो संताने हुईं – वनु और माया। बाद में अमर और प्रेमा अलग हो गए। वनु बोस एक कंपनी ‘वनु’ के संस्थापक और सी.इ.ओ. हैं। मृत्यु अमर गोपाल बोस 12 जुलाई 2013 को वेलैंड (मस्साचुसेट्ट्स) में इस संसार से विदा हो गए। सम्मान और पुरस्कार सन 1972 में आई.इ.इ.इ. ने लाउडस्पीकर डिजाईन, टू-स्टेट एम्पलीफायर-मोड्यूलेटर्स और नॉन-लीनियर सिस्टम्स के विकास में योगदान के लिए फ़ेलोशिप प्रदान किया सन 1985 में ऑडियो इंजीनियरिंग सोसाइटी ने उन्हें मानद सदस्यता प्रदान की सन 2010 में आई.इ.इ.इ. ने ‘वोल्फसन जेम्स क्लर्क मैक्सवेल अवार्ड’ से सम्मानित किया सन 2011 में एम.आई.टी.150 लिस्ट (150 इन्नोवेटर्स एंड आइडियाज फ्रॉम एम.आई.टी.) में उन्हें 9वां स्थान दिया गया सन 2014 में उन्हें ‘बेरिलियम लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ दिया गया द एशियन अवार्ड्स 2015 में ‘फाउंडर्स अवार्ड’ दिया गया