सुंदररामन रामनान की जीवनी - Biography of Sundararaman Ramanan in hindi jivani Published By : upscgk.com नाम : सुंदररामन रामनान जन्म दि : 20 जुलाई 1937 ठिकाण : तिरुवन्नामलाई पत्नि : अनूराधा व्यावसाय : प्रोफेसर प्रारंभिक जीवनी : एक रामनान एक भारतीय गणितज्ञ है | वह बीजीय, जयामिती, मोडूली स्थानों और लाइ समूहों के क्षेत्र मे काम करते है | वह भारत के अग्रणी गणितज्ञों मे से एक है | उन्हें बीजीय जयामिती के विशेषज्ञ के रुप मे पहचाना जाता है | विशेषकर मोडूली समस्याओं के क्षेत्र मे | सुंदररमन रामनान का जन्म 20 जुलाई 1937 को भारत मे चेन्नाई के तिरवन्नामलाई मे हुआ है | उनकी शादी एक अनूवादक और पूर्व लाइब्रेरियन अनूराधा रामनान से हुई है | उन्हे दो बेटियाँ है समून रामनन, एक पत्रकार और कविता रामनन एक प्रख्यात गणितज्ञ है | एस गमनान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामकूष्णान मिशन स्कूल से प्राप्ता कि है | कूष्णविवेकानंद कॉलेज चेन्नाई से उनहेांने गणित मे बी ए ऑनर्स पूरा किया है | उन्हेांने एमएस नरसिम्हा के निदेशन मे टाटा इंस्टीटयूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से पीएचडी कि उपाधि प्राप्ता कि है | उन्हेांने ऑक्सफोर्ड विश्वाविघालय, हार्वड विश्वाविघ्यालय और ईटीएच जयूरिख मे अपनी डॉक्टरेट कि पढाई पूरी कि है | कार्य : सुंदररमन ने राऊल बॉटल के सहयोगी के रुप मे हार्वर्ड विश्वाविघ्यालय मे काम किया है | उन्हेांने कई उन्नात संसथान मे जैसी कि बर्कले मे कैलिफोर्निया विश्वाविघ्यालय प्रिसटन यूसीएलए ऑक्सफोर्ड विश्वाविघ्यालय कैम्ब्रिज विश्वाविघ्यालय मैक्सा प्लैक इंस्टीटयूट और पेरिस विश्वाविघ्यालय, मैक्सा प्लैक इंस्टीटयूट और पेरिस विश्वाविघ्यालय आदी मे एक विजिटिंग प्रोफेसर के रुप मे काम किया है | सुंदररमन ने टीआयएफआर मे अपना करियर बनाया है | उन्हेांने फांसीसी गणितज्ञ जीन लुई कोजुल से आधूनिक अंतर जयामिती के तरीको को उठाया और बाद मे इसे बीजगणितीय जयामिती पर केद्रीत अपने शोध के लिए सफलतापूर्वक लागू किया है | उन्हेांने अबेलियन किस्मो और वेक्टर बंडलो के विषयो मे भी योगदान दिया है | सुंदररमन ने विभेदक जयामिती मे भी काम किया है | वह गणितीय विज्ञान संस्थान, चेन्नाई मे सहायक प्रोफेसर रहे है | उन्हेांने वहां पर अध्यापन और सलाह के माध्याम से अपना योगदान जारी रखा है | उपलब्धि : पूरस्कार और सम्मान : 1) सन 1979 मे उन्हे भारत सरकार व्दारा शांती स्वरुप भटनागर पूरस्कार प्राप्ता हुआ है | 2) 2001 मे सूंदररमन को टीडब्ल्यूएएस से पूरस्कूत किया गया है | 3) 2008 मे रामानूजन पदक भी उन्हे प्राप्ता हुआ है | पुस्तक/ग्रंथ : 1) एस रामानन आईबिस्वास| 2) 1994: हिचिन जोडे के मापक का एक अनन्तमुलक अध्यायन| 3) 2004 ग्लोबल कॅलकुलस| 4) एम रामानन ए एलडर मोडूली|